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Governor approves anti conversion law in Uttarakhand strict action will be taken against illegal conversion उत्तराखंड में राज्यपाल ने दी धर्मांतरण विरोधी कानून को मंजूरी,

पुष्कर सिंह धामी - India TV Hindi
Image Source : PTI
पुष्कर सिंह धामी

उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण को रोकने वाले विधेयक को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही राज्य में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। सरकार के द्वारा औपचारिक नोटिफेशन जारी होने के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा। इसके साथ ही राज्य में जबरन धर्मांतरण अब अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।

राजभवन की मंजूरी के साथ विधेयक विधि विभाग को मिल गया है। इसके बाद अब आगे की कार्यवाही शुरू की जा रही है। सरकारी प्रेस से इसकी प्रतियों का प्रकाशन कराया जाएगा और पुराने कानून में बदलाव हो जाएगा। सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह बिल लाई थी। 

बिल विधानसभा में पारित होने के बाद पहुंचा राजभवन 

जबरन कराए जाने वाले धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर राज्य में लंबे समय से मांग उठ रही थी। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा में 29 नवंबर को सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक पेश किया। बिल पेश करने के अगले दिन इसे पारित कर दिया गया। जिसके बाद इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।

इस कानून के तहत अपराधियों को 10 साल तक की सजा 

उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2022 में जबरन धर्म परिवर्तन के दोषियों के लिए 10 साल तक की सजा का सख्त प्रावधान किया गया है। विधेयक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन को संज्ञेय और गैरजमानती अपराध बनाते हुए इसके दोषी के लिए न्यूनतम तीन साल से लेकर अधिकतम 10 साल तक के कारावास का प्रावधान है। इसके अलावा, इसके तहत दोषी पाये जाने पर कम से कम 50 हजार रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। विधेयक के तहत अपराध करने वाले को कम से कम पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान करना पड़ सकता है जो पीडि़त को देय होगा।

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